जहाँ से चलना शुरू वहीं से सफ़र चलता है बीते हुए का जैसा भी हो साथ असर चलता है। बाल तो आजकल धूप में भी पकने लगे हैं अनुभव की आँच पर केवल बदन पकता है। जहाँ से चलना शुरू किया वहीं से सफ़र चलता है बीते हुए का जैसा भी हो साथ असर चलता है। बाल तो आजकल धूप में भी पकने लगे हैं अनुभव की आँच पर केवल बदन पकता है। OPEN FOR COLLAB✨ #ATnaturebg47 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨