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तेरी यादों के सबब इन आँखों में सुलग रहे हैं आँसू आ

तेरी यादों के सबब इन आँखों में
सुलग रहे हैं आँसू आब बनके
भुला ना सका दिल तिरा मासूम चेहरा
था शामिल ज़िंदगी में जो नक़ाब बनके

आना ना लौट के ओ बेवफा सुन लें
राख कर देगी तुझे इन आँसुओ की ताब
रहगुज़र बन कर ज़िंदगी ना अब बसर कर
जल जाएगा चेहरे का यह हसीं नक़ाब
 🎀 Challenge-412 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
तेरी यादों के सबब इन आँखों में
सुलग रहे हैं आँसू आब बनके
भुला ना सका दिल तिरा मासूम चेहरा
था शामिल ज़िंदगी में जो नक़ाब बनके

आना ना लौट के ओ बेवफा सुन लें
राख कर देगी तुझे इन आँसुओ की ताब
रहगुज़र बन कर ज़िंदगी ना अब बसर कर
जल जाएगा चेहरे का यह हसीं नक़ाब
 🎀 Challenge-412 #collabwithकोराकाग़ज़

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akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

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