ओ शक्स कितना माहिर हैं दिल दुखाने में पर क्या करे, मुझे मजा आता है फरेब खाने में और इस ख़ुदा ने भी अजीब खेल खेला हैं इतना सा दिल दिया है, इतना बढ़ा छिपाने में - स्वप्निल माने