Nojoto: Largest Storytelling Platform

दोस्ती सच्ची होती तब है, विभाजन सुख-दुख समान । पीर

दोस्ती सच्ची होती तब है, विभाजन सुख-दुख समान ।
पीर देख कर जब मित्रों की,मनुज जब होता परेशान।।
मित्र तुम्हारे हम सच्चे हैं,तब तक बातें कहने की।
परखा जब यह मित्र में न हो ,हिम्मत कितनी सहने की।।

©Bharat Bhushan pathak
  #truefriends 
दोस्ती सच्ची होती तब है, विभाजन सुख-दुख समान ।
पीर देख कर जब मित्रों की,मनुज जब होता परेशान।।
मित्र तुम्हारे हम सच्चे हैं,तब तक बातें कहने की।
परखा जब यह मित्र में न हो ,हिम्मत कितनी सहने की।।

#truefriends दोस्ती सच्ची होती तब है, विभाजन सुख-दुख समान । पीर देख कर जब मित्रों की,मनुज जब होता परेशान।। मित्र तुम्हारे हम सच्चे हैं,तब तक बातें कहने की। परखा जब यह मित्र में न हो ,हिम्मत कितनी सहने की।। #Poetry

45 Views