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जिसके साथ बैठकर पीनी थी चाय, वो तो आयी नहीं,खैर चा

जिसके साथ बैठकर पीनी थी चाय,
वो तो आयी नहीं,खैर चाय अच्छी है,
 पर ख्वाबों में बसी है उसकी यादें जाए।

चाय के प्याले में छाई है मिट्ठास,
दिल को भर देती है उस अनमोल यारी की बातें कई बार।

उसका अभाव है, पर उसकी यादें हैं सदैव,
चाय के साथ बिताए लम्हों की छाप है 
आज भी अनमोल और गहराईयों में बसी है सदैव।

खुदा से मांगूं क्या, जो चाय का प्याला ही सब कुछ है,
दिल को छू जाती है, उस चाय की हर एक बूंद की गहराई, उसका असर ही काफी है।

©Pradip Jha vv
जिसके साथ बैठकर पीनी थी चाय,
वो तो आयी नहीं,खैर चाय अच्छी है,
 पर ख्वाबों में बसी है उसकी यादें जाए।

चाय के प्याले में छाई है मिट्ठास,
दिल को भर देती है उस अनमोल यारी की बातें कई बार।

उसका अभाव है, पर उसकी यादें हैं सदैव,
चाय के साथ बिताए लम्हों की छाप है 
आज भी अनमोल और गहराईयों में बसी है सदैव।

खुदा से मांगूं क्या, जो चाय का प्याला ही सब कुछ है,
दिल को छू जाती है, उस चाय की हर एक बूंद की गहराई, उसका असर ही काफी है।

©Pradip Jha vv
pradipjha7448

Pradip Jha

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