वो क़ातिल, दग़ाबाज़, झूठा, फ़रेबी ये सरकार उसको चलानी है देखो यहाँ माँ-बहन कोई महफ़ूज़ कब हैं ये इस मुल्क की राजधानी है देखो #Afrang #poetry #shayari