Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं कभी भी सम्भाल नही पाया तुम्हारा दिया कुछ भी। द

मैं कभी भी सम्भाल नही पाया तुम्हारा दिया कुछ भी।
देखो अभी कल ही मेरे हाथों में बंधा वो काला धागा कहीं गिर गया।
अभी इसी नव वर्ष पर एक घड़ी दी थी तुमने मुझे काफी संजो के वो भी कही रास्ते मे गिर गई जब मैं कही सफर में था।
तुम्हारी दी अंगूठी, वो चश्मा सब खो देता हूँ मै...!
देखो जब तुम्हारा मुझसे झगड़ा हुआ था बातें बन्द थी और मुलाकातें भी तब तुम्हारे दिए शर्ट की एक बटन टूट गयी थी।
जब कुछ दिनों बाद तुम्हारा गुस्सा शांत हुआ और हम मिले तब तुमने शर्ट के एक बटन को टूटा पाया ।
अगले दिन तुमने वो शर्ट मांगकर बटन लगा कर दी।
तुमको हमेशा सम्भालना आया है और मुझे बिखरना।
तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी याद आती थी खूब लेकिन फिर मैं बिखर कर सिमट गया ।
पता है पहले के घरों में मोखे बने होते थे मोखा मतलब जिसमे दीपक जलाएं जाते थे।
मोखे को कभी अकेला नही बनाया जाता था क्योंकि दादी बताती थी कि अकेला मोखा उदास रहता है।
मैं भी उसी मोखे जैसा हो गया हूं बिल्कुल उदास क्योंकि मेरा जोड़ा तो चला गया।
तो बात संभालने की हो रही है,और मैंने बताया कि तुमने हमेशा सम्भालना सीखा। चाहे वो चीज़े हो या रिश्ते।

आज भी मेरी दी हुई सारी निशानियां तुम्हारे आलमारी के दराज में पड़ी होंगी ये मेरा विश्वास है।
अपने ज़िन्दगी के एक हिस्से में तुमने आज भी मुझे संजो के रखा होगा।
खैर मैं हमेशा से बिखरता रहा हूं, लापरवाह रहा हूं।
आज बिना कुछ लिखे हफ़्तों हो गए थे औऱ मेरे हाथ का काला धागा भी टूट चुका था तो तुम्हारी बरबस ही याद आ गयी।
और सुनो..! तुमसे एक झूठ बोलू...?
तुम बिल्कुल याद नही आती...!

#तुम्हारी_याद

©Ashish #my 

#smoke
मैं कभी भी सम्भाल नही पाया तुम्हारा दिया कुछ भी।
देखो अभी कल ही मेरे हाथों में बंधा वो काला धागा कहीं गिर गया।
अभी इसी नव वर्ष पर एक घड़ी दी थी तुमने मुझे काफी संजो के वो भी कही रास्ते मे गिर गई जब मैं कही सफर में था।
तुम्हारी दी अंगूठी, वो चश्मा सब खो देता हूँ मै...!
देखो जब तुम्हारा मुझसे झगड़ा हुआ था बातें बन्द थी और मुलाकातें भी तब तुम्हारे दिए शर्ट की एक बटन टूट गयी थी।
जब कुछ दिनों बाद तुम्हारा गुस्सा शांत हुआ और हम मिले तब तुमने शर्ट के एक बटन को टूटा पाया ।
अगले दिन तुमने वो शर्ट मांगकर बटन लगा कर दी।
तुमको हमेशा सम्भालना आया है और मुझे बिखरना।
तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी याद आती थी खूब लेकिन फिर मैं बिखर कर सिमट गया ।
पता है पहले के घरों में मोखे बने होते थे मोखा मतलब जिसमे दीपक जलाएं जाते थे।
मोखे को कभी अकेला नही बनाया जाता था क्योंकि दादी बताती थी कि अकेला मोखा उदास रहता है।
मैं भी उसी मोखे जैसा हो गया हूं बिल्कुल उदास क्योंकि मेरा जोड़ा तो चला गया।
तो बात संभालने की हो रही है,और मैंने बताया कि तुमने हमेशा सम्भालना सीखा। चाहे वो चीज़े हो या रिश्ते।

आज भी मेरी दी हुई सारी निशानियां तुम्हारे आलमारी के दराज में पड़ी होंगी ये मेरा विश्वास है।
अपने ज़िन्दगी के एक हिस्से में तुमने आज भी मुझे संजो के रखा होगा।
खैर मैं हमेशा से बिखरता रहा हूं, लापरवाह रहा हूं।
आज बिना कुछ लिखे हफ़्तों हो गए थे औऱ मेरे हाथ का काला धागा भी टूट चुका था तो तुम्हारी बरबस ही याद आ गयी।
और सुनो..! तुमसे एक झूठ बोलू...?
तुम बिल्कुल याद नही आती...!

#तुम्हारी_याद

©Ashish #my 

#smoke