दर्द ए दिल को खुलेआम कैसे करू, मै खुद ही खुद को कत्लेआम कैसे करू। जो हसीना रहतीं हैं मेरे दिल मे, उसे इस तरह सरेआम कैसे करू।। #Rahulbanait