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भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं, यशोमतीकिशोरकं नमा

भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं,
यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम्।
दृगन्तकान्तभंगिनं सदा सदालिसंगिनं,
दिने-दिने नवं-नवं नमामि नन्दसम्भवम्॥५॥

भावार्थ–भूमि का भार उतारने वाले, भवसागर 
से तारने वाले कर्णधार श्रीयशोदाकिशोर चित्तचोर 
को मेरा नमस्कार है। कमनीय कटाक्ष चलाने की कला 
में प्रवीण सर्वदा दिव्य सखियोंसे सेवित, नित्य नए-नए 
प्रतीत होने वाले नन्दलाल को मेरा नमस्कार है। #janmasthami #जन्माष्टमी
भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं,
यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम्।
दृगन्तकान्तभंगिनं सदा सदालिसंगिनं,
दिने-दिने नवं-नवं नमामि नन्दसम्भवम्॥५॥

भावार्थ–भूमि का भार उतारने वाले, भवसागर 
से तारने वाले कर्णधार श्रीयशोदाकिशोर चित्तचोर 
को मेरा नमस्कार है। कमनीय कटाक्ष चलाने की कला 
में प्रवीण सर्वदा दिव्य सखियोंसे सेवित, नित्य नए-नए 
प्रतीत होने वाले नन्दलाल को मेरा नमस्कार है। #janmasthami #जन्माष्टमी