ना मैं कहता,ना मैं सुनता ना मैं सेवक,ना स्वामी ना मैं बंधा,ना मैं मुक्ता ना निर्बँध सत्संगी हो ना काहू से न्यारा हुवा ना काहू को संगी हो ना हम नरक लोक को जाते ना हम सरग सिधारे हो सबही करम हमारा किया हम कर्मनते न्यारे होय या मत को कोई बिरला बूझे सो सतगुरु साहिब हैं बैठें मेरे मत कबीर काहू को थापै मत काहू को मिटे हो। - कबीर #NojotoQuote #nojoto # दोहे #जीवन#कबीर #nojotohindi #shayari