क्षितिज को देख करके मैं स्वयं को शान्त करता हूँ, वहीं पर बैठ कर मैं प्रेम का वृतान्त लिखता हूँ। मुझे अब भीङ में रहना न जाने क्यों नहीं भाता, तभी तो इस जहाँ से खुद को मैं एकान्त रखता हूँ। ©शैलेश मिश्र "वीर" #lost Swati Mungal Roshni Bano