मेरा "जयपुर" घूमने के लिए हो किले या खाने में हो घेवर, अनोखा है जयपुर और अनोखा है यहाँ के लोगों के तेवर, स्मृति वन से जवाहर सर्किल तक हर तरफ दिखते प्यार के नजारे है, हर गली के मंदिर कहते है यही की जयपुर को भगवान बड़े प्यारे है। गौरव टावर की शाम एक अलग एहसास दिलाती है नाहरगढ़ की सुबह भी तो खुशनुमा माहौल बनाती है, जयपुर की संस्कृति पुरानी परंपरा ओ से रूबरू कराती है डिस्को पार्टीज 21वी सदी में होने का एहसास, दिलाती है, सोचता हूँ कोई किसी से इतना प्यार कैसे करे सुकता है.. यही खबसरती मझे मेरे शहर के और नजदीक ले जाती है मेरे शहर की ~ गोविन्द सोढ़ानी #jaipur #yourquotes #myjaipur #Govindsodhanipoetry #Rajasthani