इस कदर भी न चाहो,के दिल टूटने पर बिखर पडो़ चाहो किसी को तो,जीवन में वर्चस्व अपना भी बनाए रखो। "चाहत तो दिल का मामला है,उसमें क्या ही हिसाब रखे कोई, दिल आ ही जाता है किसी पे,तो टूटने पर दुखता भी है कई" यह सब मीठी मनुहार स्वयं को सुनाकर,लुटाना मत दिल को कहीं, दिल लुट भी जाए तो देखना टूट कर बिखर जाता तो है न कहीं।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता:-126 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।