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सुबह सुबह मुस्कुराकर मिलो, जिन्दगी को हर सुबह,

सुबह सुबह मुस्कुराकर मिलो,
जिन्दगी को हर सुबह,
      दोनों बाहें फैलाकर मिलो l
नया दिन है, नए उजाले,
पिछले दिनों के अंधेरों,
   बन्द कमरे में छुपाकर मिलो l
हम यूँ ही नही किसी से,
     अचानक मिल जाते है,
ये कोई पिछले जन्मों के,
                  रिश्ते नाते है,
हर अजनबी को,
               गले लगाकर मिलो l

©Dimple Kumar
  #जन्म