"हाँ मैं ऐसी हूँ" ~~~~~~~~~~~~~ तुम पूछती हो कि मैं कैसी हूँ तो बताती हूँ मैं भी तुझको दोस्त, कि, मैं तो बिल्कुल मस्त मौली हूं, कभी हंसती हुई, कभी रूठी हुई -सी, कभी सम्भली हुई-सी, कभी टूटी हुई -सी, कभी -कभी बिन बातों के भी खोई हुई-सी, कभी -कभी तो बात-बात पर रोई हुई-सी, बस मंजिल को पाने ,जिद्द पर अड़ी हुई-सी, हर मुश्किल में बिल्कुल निडर खड़ी हुई-सी, दर्द औरों का देखकर, मोम की तरह पिघली हुई-सी, हो जाये कोई गलती तो बिल्कुल घरबराकर सहमी हुई -सी, बहुत खूबसूरत नाजुक कली-सी, मम्मा-पापा की इक प्यारी परी -सी, शर्माती हुई कभी-कभी नज़रे झुकी हुई-सी, बस जुगनूओं के संग रातों में उठी हुई-सी तनहाईयों से तो दूर-दूर भागी हुई-सी, दिन की ही तरह रात में जागी हुई -सी, झूठ उससे बर्दास्त नहीं होता कभी, कभी -कभी भभकती ज्वाला -सी, हाँ शीतल, है बिल्कुल शीतल जल-सी, मन की साफ है बिल्कुल "विमल"-सी, हाँ हर गम को हंसकर सहती हुई, सवेरा होते वही मुस्कराती हुई शक्ल भोली -सी।।" ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ --Vimla Choudhary 19/9/2020 #हाँ मैं ऐसी हूँ #