कहते है फ़िल्मी दुनिया में काम करते करते.. लोग खुदग

कहते है फ़िल्मी दुनिया में काम करते करते..
लोग खुदगर्ज बहुत होते है..
मगर ऐसा नहीं है..
सच में फ़िल्मी दुनिया में भी..
सच्चे और अच्छे कलाकार होने के साथ साथ
सावित्री अम्मा..
दिल के साफ़ और नेक इंसान थे...❤️❤️

Read caption...👇👇 #savitriactress
#myfevorite
#myinspiration
#lalithasai
#greatlegend
#myworld
सावित्री (4 जनवरी 1936 - 26 दिसंबर 1981) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, पार्श्व गायिका, नर्तक, निर्देशक और निर्माता थी। वह मुख्य रूप से तेलुगू भाषा फिल्मों में प्रदर्शित हुई, साथ ही तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषा फिल्मों में भी प्रदर्शित हुई। 1960 के दशक के उत्तरार्ध से, सावित्री के बाद के कैरियर में तेलुगू सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से एक के रूप में व्यापक रूप से माना जाता है, वित्तीय समस्याओं और शराब की चपेट में फिसल गया जिससे उन्हें कम योग्यता की फिल्म की भूमिका निभाने की आवश्यकता हो गई।
सावित्री की पहली महत्वपूर्ण भूमिका 1952 तेलुगू फिल्म पेली चेसी चोंडोSavitri
कहते है फ़िल्मी दुनिया में काम करते करते..
लोग खुदगर्ज बहुत होते है..
मगर ऐसा नहीं है..
सच में फ़िल्मी दुनिया में भी..
सच्चे और अच्छे कलाकार होने के साथ साथ
सावित्री अम्मा..
दिल के साफ़ और नेक इंसान थे...❤️❤️

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#myinspiration
#lalithasai
#greatlegend
#myworld
सावित्री (4 जनवरी 1936 - 26 दिसंबर 1981) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, पार्श्व गायिका, नर्तक, निर्देशक और निर्माता थी। वह मुख्य रूप से तेलुगू भाषा फिल्मों में प्रदर्शित हुई, साथ ही तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषा फिल्मों में भी प्रदर्शित हुई। 1960 के दशक के उत्तरार्ध से, सावित्री के बाद के कैरियर में तेलुगू सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से एक के रूप में व्यापक रूप से माना जाता है, वित्तीय समस्याओं और शराब की चपेट में फिसल गया जिससे उन्हें कम योग्यता की फिल्म की भूमिका निभाने की आवश्यकता हो गई।
सावित्री की पहली महत्वपूर्ण भूमिका 1952 तेलुगू फिल्म पेली चेसी चोंडोSavitri
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lalitha sai

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