यूक्रेन और रूस के आक्रमण ने हमारे समक्ष एक तत्कालीन प्रश्न खड़ा कर दिया है कि हम किस प्रकार के विश्व में जी रहे हैं वर्षा और वैश्विक अर्थव्यवस्था निरहुआ हिंदुस्ता की चर्चा होती रही है परंतु अब तक यह वास्तविक में देखने लगी है समय कल इंदौर में एक धारणा यह भी बनी है कि निरंतर बढ़ती परस्पर आर्थिक निर्भरता और वापस में लगातार जुड़ती दुनिया जैसे संगठनों के कारण 21वीं सदी में कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय टकराव नहीं होगा पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर वैश्विक शांति कायम रहेगी किंतु यूक्रेन की की हुई और खास टीवी जैसे घनी आबादी वाले शहरों में धारणाओं को ध्वस्त कर दिया है जिससे अंतरराष्ट्रीय इतिहास को बीती शताब्दी को भी घटनाएं मान लिया गया है उनकी वापसी होती दिखाई दे रही है कि राजनीति और रास्ता दिखाई दे रहा है उसे रोकने का संयुक्त राष्ट्र वही अपने भरोसे खोती जा रही है संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून की दुर्बलता लगातार जगजाहिर हो रही है इनका मॉल उड़ने से चीन अमेरिका रोज ऐसे वीडियो शक्ति से लैस देश सबसे आगे रहे हैं अमेरिका और उसके यूरोपी मित्र देशों ने 2011 में लाविया में जो अवैध हमला कर तख्तापलट कराया उसके दुष्परिणाम उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका में आज तक रुकते जा रहे हैं रूस ने 2008 में जड़ दिया और फिर 2014 में क्रीमिया में जो सैन्य अभियान चलाया उन्हें रोकने में भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय समर्थन रहा है ©Ek villain #जंगलराज वाले दौर में दुनिया #Nofear