खुदा की दुआएं का पता नहीं तुझे भी कोई ज़रूरत रहती है आशिकों की दुआओं की उसकी तरफ नदी सी बहती है। आशिकों की हसरत बददुआ में भी बस दुआएं ही कहती है उस तरफ हुस्न को तलाश हमेशा हुस्न की ही रहती है। हिम्मत सिंह writing# thinking #Punjabi poetry# Hindi poetr#y Urdu poetry# खुदा की दुआएं का पता नहीं तुझे भी कोई ज़रूरत रहती है आशिकों की दुआओं की उसकी तरफ नदी सी बहती है। आशिकों की हसरत बददुआ में भी बस दुआएं ही कहती है उस तरफ हुस्न को तलाश हमेशा हुस्न की ही रहती है। हिम्मत सिंह