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""..मैं ऐसे ही मोहब्बत का सिला पूछूंगा.. मैं हवाओं

""..मैं ऐसे ही मोहब्बत का सिला पूछूंगा..
मैं हवाओं से तेरा कहा.. पूछूंगा..

मेरी नेकी के बदले, पीठ पर जो खंजर खोपे गए..
मैं चुप नहीं रहूंगा, हर एक वजह.. पूछूंगा..

जो दिल में रहता है वो बच्ची क्यों नोची गई..
उस वक्त तू कहां था खुदा.. पूछूंगा..??"" ""..मैं ऐसे ही मोहब्बत का सिला पूछूंगा..
मैं हवाओं से तेरा कहा.. पूछूंगा..

मेरी नेकी के बदले, पीठ पर जो खंजर खोपे गए..
मैं चुप नहीं रहूंगा, हर एक वजह.. पूछूंगा..

जो दिल में रहता है वो बच्ची क्यों नोची गई..
उस वक्त तू कहां था खुदा.. पूछूंगा..??""
""..मैं ऐसे ही मोहब्बत का सिला पूछूंगा..
मैं हवाओं से तेरा कहा.. पूछूंगा..

मेरी नेकी के बदले, पीठ पर जो खंजर खोपे गए..
मैं चुप नहीं रहूंगा, हर एक वजह.. पूछूंगा..

जो दिल में रहता है वो बच्ची क्यों नोची गई..
उस वक्त तू कहां था खुदा.. पूछूंगा..??"" ""..मैं ऐसे ही मोहब्बत का सिला पूछूंगा..
मैं हवाओं से तेरा कहा.. पूछूंगा..

मेरी नेकी के बदले, पीठ पर जो खंजर खोपे गए..
मैं चुप नहीं रहूंगा, हर एक वजह.. पूछूंगा..

जो दिल में रहता है वो बच्ची क्यों नोची गई..
उस वक्त तू कहां था खुदा.. पूछूंगा..??""