ये दौर बिछड़ने का था, मगर हम अपनी आंखो को समझा रहे थे । वो आ गए थे करीब इतने , की हम खुद को मछली उनको पानी बता रहे थे।। हालत कुछ ऐसी थी कि , दिल बना के दिल को ही मिटा रहे थे । कुछ यूं थे बेचैन हम दोनों ही हम उनको और वो हम को याद आ रहे थे।। ©Hitender Daksh #Vo_mulakatein