दर्पण अर्थात मन स्वार्थ से भरे धूल का दर्पण किसी के अस्तित्व की सुन्दरता को नाही देख पाता है और नाही दिखाने के काबिल होता है तो अगर निस्वार्थ सुन्दरता को देखना है तो पहले स्वार्थ की धूल को दर्पण से पोछना होगा.... 🔥 ©Rudraa. #मन का दर्पण