Nojoto: Largest Storytelling Platform

गुम हैं होश-ओ-हवास मेरे आँखों को अब कुछ और की तला

गुम हैं होश-ओ-हवास मेरे

आँखों को अब कुछ और की तलाश नहीं है,
बंज़र से अरमानों को अब कोई प्यास नहीं है,

मिले हो तुम बड़ी मिन्नतें माँगने के बाद शायद,
लम्हें गवाह हैं, हमारा मिलना अनायास नहीं है,

बड़ी शिद्दत से तुम्हें पाने की कोशिशें करता रहा,
तेरे इश्क़ ने इम्तिहान लिए कितने, कयास नहीं है,

कहना मेरा गलत होगा कि तुम धड़कती हो मुझमें,
नज़रें जबसे मिलीं तुमसे, मेरा दिल मेरे पास नहीं है,

मुझे नहीं है ख़बर कि क्या बातें करे तुमसे “साकेत",
तुम्हारे इक़रार के बाद से मुझे होश-ओ-हवास नहीं है।

IG:— @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla गुम हैं होश-ओ-हवास मेरे.!
.
कुछ कठिन शब्दार्थ
अनायास:— सरलता से, यकायक (Spontaneously)
कयास:— अनुमान(Speculation)
इक़रार:— स्वीकार करना (Acceptance)
होश-ओ-हवास:— चेतना, सुधबुध (consciousness)
.
गुम हैं होश-ओ-हवास मेरे

आँखों को अब कुछ और की तलाश नहीं है,
बंज़र से अरमानों को अब कोई प्यास नहीं है,

मिले हो तुम बड़ी मिन्नतें माँगने के बाद शायद,
लम्हें गवाह हैं, हमारा मिलना अनायास नहीं है,

बड़ी शिद्दत से तुम्हें पाने की कोशिशें करता रहा,
तेरे इश्क़ ने इम्तिहान लिए कितने, कयास नहीं है,

कहना मेरा गलत होगा कि तुम धड़कती हो मुझमें,
नज़रें जबसे मिलीं तुमसे, मेरा दिल मेरे पास नहीं है,

मुझे नहीं है ख़बर कि क्या बातें करे तुमसे “साकेत",
तुम्हारे इक़रार के बाद से मुझे होश-ओ-हवास नहीं है।

IG:— @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla गुम हैं होश-ओ-हवास मेरे.!
.
कुछ कठिन शब्दार्थ
अनायास:— सरलता से, यकायक (Spontaneously)
कयास:— अनुमान(Speculation)
इक़रार:— स्वीकार करना (Acceptance)
होश-ओ-हवास:— चेतना, सुधबुध (consciousness)
.