जिसके लिए ये दिल धड़कता था बार बार आज़ उसी ने जला डाला इस तन का तार तार कैसे धुएं के गुबार में मिल गए अच्छा ही हुआ अब ये होठ सिल गए करते थे जो कभी उसके लिए मीठे गान आज भभक दिखा रहे झूठी सी मुस्कान Let your feelings flow through this background given by Cascade Writers Must use hashtag- #cascadewriters #atrisheartfeelings #ananttripathi Specific hashtag- #CWplainBG1742 #cwplain #cartoonsworld #YourQuoteAndMine Collaborating with Cascade Writers