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घनी धूप में बरगद की छाव सा होता है बाप का होना घ

घनी धूप में बरगद की छाव सा 
होता है बाप का होना

घने रेगिस्तान में आखरी प्यास को मिले पानी सा
होता है बाप का होना

लंबे सफर की थकान को मिले बिस्तर सा 
होता हैं बाप का होना

पुराने कपड़ों में भूले पैसों का मिलना
होता है बाप का होना

तूफ़ान में फसी कश्ती को साहिल मिलना
होता हैं बाप का होना

बाप के जीते जी शायद,ना हो इल्म
क्या होता हैं बाप का होना?

मगर जाने के बाद उनके,, यकीनन होगा इल्म तुम्हे
क्या होता है आखिर बाप का होना

©राहुल जाटू #foryoupapa
घनी धूप में बरगद की छाव सा 
होता है बाप का होना

घने रेगिस्तान में आखरी प्यास को मिले पानी सा
होता है बाप का होना

लंबे सफर की थकान को मिले बिस्तर सा 
होता हैं बाप का होना

पुराने कपड़ों में भूले पैसों का मिलना
होता है बाप का होना

तूफ़ान में फसी कश्ती को साहिल मिलना
होता हैं बाप का होना

बाप के जीते जी शायद,ना हो इल्म
क्या होता हैं बाप का होना?

मगर जाने के बाद उनके,, यकीनन होगा इल्म तुम्हे
क्या होता है आखिर बाप का होना

©राहुल जाटू #foryoupapa