लाशों के ढेर पर सभी खुशनसीब नहीं होते, वरना ऐसा हाहाकार नहीं होता,! नहीं होती ऑक्सीजन की कमी, लाशों का अंबार नहीं होता,! न तैरती रहती गंगा जी में लाशें, कफन का कारोबार नहीं होता,! गिद्धों की दयादृष्टि पर पलने वाला, झूठा हर अखबार नहीं होता,!! आज कोई ऐसा शख़्श नहीं है, जिसकी पहचान का कोई मरा नहीं,! फिर भी अंधभक्ति का चश्मा ऐसा है कि, आँखों से उतर रहा नहीं,! बताओ तो, क्या हासिल हो जाएगा, तेरे खुद के जान दे देने से ही? तनिक उनकी नीयत भी तो टटोलो, जिनका मन सत्ता से भरा नहीं,!! तुम मरो, जीयो, रोओ, तड़पो,बिलखो; किंचित भी चैन ना पाओगे,! आंकड़े बन कर जन्म लिए हो, और आंकड़े बनकर ही मर जाओगे,! हाँ, चुनावों में तुम्हारे वोटों के लिए ही सही, तुम्हें याद तो किया जाएगा,! वो सत्ता भोगेंगे और तुम मरने के लिए असहाय छोड़ दिये जाओगे,!! संभलो, समझो; भगवान सर्वशक्तिमान है, वो कभी लाचार नहीं होता,! वो हम तुच्छ इंसानों की मदद का, कभी भी तलबगार नहीं होता,! हमें लड़ाया जा रहा है उसके नाम पर, किसी और के स्वार्थ की पूर्ति हेतु,! वरना लाशों के ढेर पर चढकर, चुनावों में धुआंधार प्रचार नहीं होता,!! #indianpolitics #dirtypolitics #corona #selfishpolitics