बेशक ईश्क अपना पूराना-सा हो गया हैं, तेंरे साथ चलते-2 हर मौसम भी एक अरसां-सा हो गया हैं, कुछ रफ्तार हम दोंनो की तूं धीमी कर दें ऐं मालिक, उसके साथ बैठकर 2-कस चाय के खींचे मूझे एक जमाना-सा हो गया है।।। tea