आज ग़र तू होता तो मेरा ख़ुदा होता। अब तो बस तस्वीर की ही इबादत करते हैं। तू होता तो तेरे चरणों में मेरा शीश होता। अब तो बस तेरी तस्वीर को ही चरण समझ लेते हैं। कुछ पूछना मत कौन है वो। बस हर घर का एक मुखिया है वो।