बुढ़ापा सम्मान जिसे पाना था, वो स्वाभिमान बचाता फिरता है, आसमानी ख्वाब वाला हर रोज अपनी नजर से गिरता है, बुढ़ापे का दोष है या उसकी परवरिश में ही खोट रह गई, आखिर क्यों फिर वृद्धाश्रम में बैठे-बैठे, वो दिन गिनता है..! BY:—© Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength वो बुढ़ापे का मारा बाप...! . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment