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वक़्त का मार है साहब जिसके चपेट में, मै चल रहा नवा

वक़्त का मार है साहब
जिसके चपेट में, मै चल रहा
नवाब बन जीते थे
आज दर- दर भटक रहा
वक़्त नहीं था किसी के जवाब का
आज लोगो से चंद पल मांगते फिर रहा
सोचता हूं मिटा लू थोड़ा जख्म किसी से बात करके
पर ये दुनिया है साहब यहां मलहम नहीं
और जख्म मिल रहा।

©Aryan Shivam Mishra #nojotohindishayari 
#poem_and_kahaniyan 
#aryanshivammishra
वक़्त का मार है साहब
जिसके चपेट में, मै चल रहा
नवाब बन जीते थे
आज दर- दर भटक रहा
वक़्त नहीं था किसी के जवाब का
आज लोगो से चंद पल मांगते फिर रहा
सोचता हूं मिटा लू थोड़ा जख्म किसी से बात करके
पर ये दुनिया है साहब यहां मलहम नहीं
और जख्म मिल रहा।

©Aryan Shivam Mishra #nojotohindishayari 
#poem_and_kahaniyan 
#aryanshivammishra