तौहीन इश्क़ की वो करते है, जो हर एक चेहरे पर मरते है, इश्क को समझते है खेल, आज इससे कल उससे करते है, सच्चे इश्क को न वो पहचाने, बस दिल तोड़ देना मज़ा जाने, खुदा करता है फिर कुछ ऐसा, हर पल सजा वो भुगतते है, न मिलता उन्हे चैन कहीं, न सुकुन से वो मरते है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1060 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।