जिनके अल्फाजों का तलफ़्फ़ुज़ ही नहीं सही, वो दिल के एहसासों की तरजुमानी करने लगे । ना किसी एक ज़बान का इल्म,ना ज़रफ की इब्तेदा मालूम पेशेवर ज़ालिम जो थे, इंसाफ की पैरवी करने लगे #family#friends