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साधारण होना साधू होने के समान है, इस दुनियाँ में

 साधारण होना साधू होने के समान है,
इस दुनियाँ में बैठे न जाने कितने शैतान हैं..!

जो खुद को समझते बड़ा ही बलवान है,
मिटटी में मिल जाता है जीवन श्मशान है..!

साधारणता का जो देता है परिचय,
वो ही असली इंसान है..!

न लाये ख़ुद में जरा भी अहम् जो,
वो सज्जन श्रीमान है..!

कोई किसी का नहीं हैं यहाँ,
सभी अपनी धुन में गुमनाम है..!

सरलता जीवन बनाये सर्वश्रेष्ठ,
सहजता से ही मनुष्य की पहचान है..!

किसी को भी साधारण समझना,
ये उसके भोलेपन का अपमान है..!

दिखावे के बने हैं संत सारे,
और बने यूँ ही यजमान हैं..!

©SHIVA KANT
  #Sadharn