बह रहा है यह सारा जहां कोरोना के कहर में, ना जाने कब आ जाये बाधा कहीं किस पहर में , कोसों दूर बह रहे ना जाने कितने जीवजन्तु भाई बंधू मेरे, बाढ़ के ऊँचे सैलाब में ना जाने कहाँ कितने खो गए अकेले, असम कहते हैं उस राज्य को हिंदुस्तानी किताबों में मेरे| #AssamFloods #NorthEastMatters - Diksha Sachan #assamflood #NorthEastMatters #AssamesePoem