हवाओ की ताजगी देख कर परिंदे भी सोच मैं हैं इंसानो की गुमनामी से आए अब होश मैं है खुल के चेहचाहाते है अब वो सुबह शाम प्रदूषण से मिला है उनको भी आराम परिंदों की सोच के बारे मैं अब तुम भी सोचो प्रदूषण और शोर की आग मे अब उनको ना झोकों खुश है अभी वो इस शुद्धता का स्वाद ले कर मत छीन लेना उनकी आजादी खुद आजाद हो कर #Savethenature