सन्नाटों का शोर है, ऐ ख़ुदा तेरे ही हाँथों में जीवन की डोर है! हर साँस छुट सी रही, धड़कनों का चलना अपनों के लिए मोल है.. रखा है सबने अबतक सब्र दिखाई है सबने अपनी हिम्मत- उम्मीद है छटेंगें दुःखों के बादल, फिर एक रोज होगी भोर है। 👉🏻 प्रतियोगिता- 222 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"सन्नाटों का शोर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I