"मेरे थके हुये सानो से बोझ उतर तो गया , बहुत तविल था ये दिन मगर गुजर तो गया । लगा के दाव पा सांसो कि अखरी पंऊजी, मै मुतमईन हू चलो हारने का डर तो गया । ये और बात की कांधो पर ले गये हैं उसे , इसी बाहने से दीवाना आज घर तो गया ।" #zindagikasafar ....#bakihai #friend #zafar