अजब सी कशमकश अजब सी दशा ना नाम की ही चाह ना पैसे की लिप्सा! ना भुख लगे न प्यास लग जाती ऐसी व्याधि इश्क़ की तपस्या लगाती दिलों की समाधि! दिल से शुरू हो हर बात महबूब पर आकर ठहरती बिन साजन के दिन साल और घड़ियाँ पहर लगती! सुनो तुम ये ना समझो ये कोरी काल्पनिक बातें हैं इश्क़ करके देखो फिर बताना कैसे कटती रातें हैं..? अजब सी कशमकश अजब सी दशा ना नाम की ही चाह ना पैसे की लिप्सा! ना भुख लगे न प्यास लग जाती ऐसी व्याधि इश्क़ की तपस्या लगाती दिलों की समाधि! दिल से शुरू हो हर बात महबूब पर आकर ठहरती बिन साजन के दिन साल और घड़ियाँ पहर लगती!