“ ना अब मस्जिद की बात हो ना शिवालों की बात हों कौम बैरौजगार है पहले निवालों की बात हों, मेरी नींद को दिक्कत ना भजन से ना अज़ान से हैं मेरी नींद को दिक्कत सिर्फ मरते हुए इंसान से हैं, किसी के बुझते चुले में हवा लगा कर तो देखो किसी के पाव के छालों पर मरहम लगा कर तो देखो, मज़हब के नाम पर सियासत में मज़ा उठाने वालों इस वक़्त हिंदुस्तान के हालात तो देखो ” !.... #Gazali• #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì