सब्र और शुक्र (अनुशीर्षक में पढ़ें) जो कुछ भी हो ज़िंदगी में सब्र का दामन कभी ना छोड़ो जो खो दिया उसके लिए रोने के बजाए जो है उसे सम्भाल के तुम रखो हर चीज़ होने का होता है एक सही वक्त होगा वो उसी समय ही