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सन्नाटों में कानों में गुंजती है। यादों की तस्वीरे

सन्नाटों में कानों में गुंजती है।
यादों की तस्वीरें आंखों में
रह-रहकर नृत्य करती है।
चांद की सुहानी चांदनी
मुझे सोने ही नहीं देती।
तारों की चमचम तन पर
तेज धार बर्छी सी चुभती है।
काश! कि आ जाते तुम
तो चैन की नींद सो जाते हम।

©Nilam Agarwalla #रातकीबात
सन्नाटों में कानों में गुंजती है।
यादों की तस्वीरें आंखों में
रह-रहकर नृत्य करती है।
चांद की सुहानी चांदनी
मुझे सोने ही नहीं देती।
तारों की चमचम तन पर
तेज धार बर्छी सी चुभती है।
काश! कि आ जाते तुम
तो चैन की नींद सो जाते हम।

©Nilam Agarwalla #रातकीबात