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रीति रिवाज की परिभाषा, कभी समझ नही पाये, के ये कान

रीति रिवाज की परिभाषा,
कभी समझ नही पाये,
के ये कानून है कोई?
या मनमर्जी जो भाये?

इंसान इन्हें खुद से,
तोड़ मरोड देता है,
जो आये पसंद रख लेता है,
बाकी छोड देता है!

अंग गल गया शरीर का,
तो काट दिया जाता है,
मगर सड़ी गली परम्पराओ से,
समाज बाँट दिया जाता है!

कृष्णा को प्रेम हुआ था,
उनके गीत गायें जातें है,
कोई मज़नू चाहे लैला को,
पत्थर बरसाये जाते है!

सीता को स्वयंवर का,
अधिकार दिया जाता है,
आज प्रेमविवाह चाहें जो लडकी,
मार दिया जाता है!।।

©Sameri #Love#life#society#Diary_of_Sameri_Treasure_Trove_of_Emotions
रीति रिवाज की परिभाषा,
कभी समझ नही पाये,
के ये कानून है कोई?
या मनमर्जी जो भाये?

इंसान इन्हें खुद से,
तोड़ मरोड देता है,
जो आये पसंद रख लेता है,
बाकी छोड देता है!

अंग गल गया शरीर का,
तो काट दिया जाता है,
मगर सड़ी गली परम्पराओ से,
समाज बाँट दिया जाता है!

कृष्णा को प्रेम हुआ था,
उनके गीत गायें जातें है,
कोई मज़नू चाहे लैला को,
पत्थर बरसाये जाते है!

सीता को स्वयंवर का,
अधिकार दिया जाता है,
आज प्रेमविवाह चाहें जो लडकी,
मार दिया जाता है!।।

©Sameri #Love#life#society#Diary_of_Sameri_Treasure_Trove_of_Emotions
sameri2392503822059

Sameri

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