सुनो, जलने में भी सुकून है, देखना खुदको खाक बनते हुए, मजा है। पिस जाना भी अच्छा लगता है कभी कभी, खुदको तोड़ जाना, मजा है। बिखर जाना बनकर कतरे कागज के, जब तुम्हें कोई पढ़ नहीं पाए, मजा है। भीग जाना अश्रुओं से बिना कोई हलचल किए, खुदके भीतर एक भूचाल आना, मजा है। हमें तुम नहीं समझो हम समझने वाली चीज कहां, लोगों को खुदको अनजान रखना फिर खुदको भूल जाना, मजा है। ©Tanya Sharma Street light #Saurav life Saurav life