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झुलसाती है सबको ख़ुद कभी जलता ही नहीं, उस सूरज सी

झुलसाती है सबको ख़ुद कभी जलता ही नहीं,
उस सूरज सी है याद तेरी जो ढलता ही नहीं,

इस कदर बसर कर चुकी है तू मुझमें,
कि जहन से मेरे तू निकलता ही नहीं,

तू निकले भी तो निकले कैसे मुझसे,
किसी और का खयाल मुझमें पलता ही नहीं,

मालूम नहीं कि ये दिल मेरा है भी कि नहीं,
हुकुम मेरा कभी इस पर चलता ही नहीं,

जो तू अगर खड़ी हो सामने मेरे,
कमी फिर किसी की खलता ही नहीं,

आती जाती रहती हैं रूतें कई मौसम की,
एक तेरा खयाल है कि बदलता ही नहीं,

कैसा पागल है ये तेरा दिल 'लुकेश',
बार बार टूटकर भी सम्हलता ही नहीं।

©Lukesh Sahu #NojotoGajal #myfirstgajal #mygajal #tryingtowriteagajal
झुलसाती है सबको ख़ुद कभी जलता ही नहीं,
उस सूरज सी है याद तेरी जो ढलता ही नहीं,

इस कदर बसर कर चुकी है तू मुझमें,
कि जहन से मेरे तू निकलता ही नहीं,

तू निकले भी तो निकले कैसे मुझसे,
किसी और का खयाल मुझमें पलता ही नहीं,

मालूम नहीं कि ये दिल मेरा है भी कि नहीं,
हुकुम मेरा कभी इस पर चलता ही नहीं,

जो तू अगर खड़ी हो सामने मेरे,
कमी फिर किसी की खलता ही नहीं,

आती जाती रहती हैं रूतें कई मौसम की,
एक तेरा खयाल है कि बदलता ही नहीं,

कैसा पागल है ये तेरा दिल 'लुकेश',
बार बार टूटकर भी सम्हलता ही नहीं।

©Lukesh Sahu #NojotoGajal #myfirstgajal #mygajal #tryingtowriteagajal
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Lukesh Sahu

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