मन के भीतर जो है रावण, मारो उसको तुम यारों। विजय दिवस यह अति है पावन, श्रम अपना लो तुम प्यारों।। नहीं वैर तुम मन में पालो, प्रीत जगत से तुम कर लेना। पीड़ा में कोई दिख जाए, उसकी पीड़ा हर लेना।। ©Bharat Bhushan pathak #happydussehra मन के भीतर जो है रावण, मारो उसको तुम यारों। विजय दिवस यह अति है पावन, श्रम अपना लो तुम प्यारों।। नहीं वैर तुम मन में पालो, प्रीत जगत से तुम कर लेना। पीड़ा में कोई दिख जाए,