महाराष्ट्र सरकार के बीते 3 वर्ष के दौरान किसानों के ₹39000 के कर्ज माफ किए गए बावजूद इसके वे बीते 5 साल डाई हजार किसानों ने आत्महत्या की वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 2547 था यही सरकारी आंकड़े की औसतन हर दिन 2000 किसानों के खेतों में मुंह मोड़ रहे हैं देश के अधिक से अधिक किसान कर्ज में डूबे हैं इसमें 69 प्रतिशत कर्ज बैंक जा सहकारी समिति से है जबकि 20% सहा कारों से लिया गया है 1 साल तक चले किसी कानून विरोधी आंदोलन में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाला पंजाब में दिसंबर 2021 में 12 सौ करोड़ के किसान कर्ज माफ किए गए हैं लेकिन देखते ही देखते चार 14000 है कि राधा को जमीनों को जीरो पॉइंट 33% पर खेती बंद हो गई है राजस्थान में 61% फ़ीसदी किसान कर्जदार हैं तो उत्तर प्रदेश में आते किसान परिवारों पर कर्जा है मध्यप्रदेश में किसान परिवारों पर कर्ज की रकम चढ़ी है तो उत्तराखंड में ऐसे किसान परिवारों की संख्या 43% प्रतिशत है भारत की अर्थव्यवस्था में खेती क्षेत्र के योगदान 14% है लेकिन इसके कुल रोजगार का 42% सरजीत होता है एक तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम आने में होता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए आत्मनिर्भरता निर्भय है जबकि देश के दी कि 15 फ़ीसदी बरसात पर निर्भर हो जा रहा है ©Ek villain #कर्ज के बोझ में दबी किसानी #friends