इस तरह लोग हमें बेहला रहे थे क़त्ल खुद ही किया था, और खुद को ही बेक़सूर बता रहे थे, हम भी धीरे-धीरे उनकी बातों में आ रहे थे, जो कातिल थे, हम उनके हक़ में ही फैसले सुना रहे थे, और सभी निर्दोषो को फाँसी पे चढ़ा रहे थे, शायद इसी वजह से आज हमारे अपने हमसे नजरे मिलाने से कतरा रहे थे... karma... #hindi#urdu#poetry#bezubaanthoughts#khyaal#insta