वो जिसकी आँखों का ताबी सूरज मेरी निग़ाहों में चाँद होता वो शान जिसकी अल फ़लक तक मेरी गुलाबी सी साँझ होता ढलती जाती ये उम्र शबनम रोज़े दिल ये गुलाब होता नाम उनको क्या दें निगहबान भर नज़र बर वो ख़्वाब होता तुम्हारी नज़रों में वो मिराजी मेरा दस्ते हमदम क़िताब होता मेरी ज़ुबाँ पे संदली सा ज़ायका लाज़वाब होता तासीर जिसकी रूहे रोशन निगाहे निसबत निगार होता बात जिसकी ज़ुदा सी होती ज़ाहिरा ज़ुदा हर अंदाज़ होता #toyou#yqamazing#yqfaith#weavinhlife#yquniqueness#yqfab