जब दिल तुम्हारा भारी हो जाए । एक डर अंजाना मन में हो जाए । चमक चेहरे से जब खो जाए । जब हर वक़्त रोने का दिल करे। मन अकेला होने से जब डरे । तो दोस्त कुछ तुम लिख लेना ।। डिप्रेशन के सामने तुम टिक लेना । दोस्त कुछ तुम लिख लेना । दोस्त कभी तुम हारना मत।। "जज्बा लड़ने का ", मुकुट है तुम्हारा। तुम इसे युहीं उतारना मत।। जीतना फितरत है तुम्हारी। दोस्त कभी तुम, हारना मत।। --रंजेश सिंह राजपूत #depression #Mental #health #ranjesh #Ranjeshsinghpoems #lockdown #frustration #Loneliness