भिन्न - भिन्न किरदार मेरे, मैं.बदनसीबी और प्यार का मारा हूं। कोई कहता है शायर मुझको तो किसी कि नज़र में आवारा हूं..।। ©Vk Virendra #Aurora sad urdu poetry hindi poetry on life punjabi poetry love poetry in hindi poetry in hindi