कपड़े फाड़े, ज़िस्म नोचे, सर कलम कर दिया, कुछ इंसानों ने आज, इंसानियत खत्म कर दिया, इंसान की बच्ची थी शायद, इंसानों का दिल नहीं पसीजा, हवस का नाम जिन्होंने धरम कर दिया, कुछ पूजते थे भगवानो को, कुछ को आवाम का ठेका मिला था, भगवान का ही घर था, जहां बच्ची की लाश फेका मिला था, हुक़ूमत की शान देखो, गुनाहगारों की करती सरपरस्ती है, इज्जत तार तार करके कहते हैं, धरम की शान में इज्जत यहां सस्ती है, बेटियों की लुटती इज्जत पे, तालियां बजाते है इस जहान में, धरम महंगा है, इज्जत सस्ती है, मेरे भारत महान में😔